Categories: Blog

Birthday of Honble Chairman Dr Sudhir Giri & Establishment Anniversary of Venkateshwara Group

Share
Dr. Sudhir Giri

डॉक्टर सुधीर गिरी- चेयरमैन वेंकटेश्वरा समूह (जन्मदिन विशेषांक) “आदरणीय मित्रों आज जीवन के 50 बसंत पूरे करने के बाद बहुत सी खट्टी मीठी यादों, जीवन में ढेरों उतार-चढ़ाव देखने, बहुत लंबा अंतहीन संघर्ष देखने, बहुत सी अच्छी बुरी घटनाओं का साक्षी बनने के बाद इन 50 वर्षों की जीवन यात्रा में सबसे पहले यानी ईश्वर से भी पहले अपने परम पूज्य माताजी पिताजी के चरणों में नमन करता हूं, जिनके कारण इस धरती पर मेरा अस्तित्व स्थापित हुआ। ईश्वर को बारंबार नमन, कि उसने ऐसे देव तुल्य माता-पिता की संतान होने का मुझे शुभ अवसर दिया। 50 वर्षों की इस दीर्घ जीवन यात्रा में मेरे परिवार जनों, इष्ट मित्रों, शुभचिंतको, सहयोगी यों, मेरे शिक्षक को, मेरे सभी स्टूडेंट्स, जो मेरे अपने बच्चे हैं, उनका भी कोटिश आभार, जिनके कारण उत्तर प्रदेश के बागपत जनपद के छोटे से गांव रामनगर की तंग गलियों से निकलकर आज मुझे आप सब लोगों ने शिक्षा जगत का सिरमोर बना दिया। आप सभी की दी गई शिक्षा, संस्कार सहयोग एवं मार्गदर्शन के बिना “सुधीर गिरी” का कोई अस्तित्व ही नहीं था, ना होगा। आदरणीय मित्रों, परमपूज्य गुरुजनों, जीवन की प्रथम अवस्था बाल्यावस्था की बात करें, तो मेरे पूजनीय माता पिता, गांव के मेरे शिक्षक एवं गांव में पढ़ने वाले मेरे साथ पढ़ने वाले कई मेरे अभिन्न मित्र जो बचपन से ही मुझे बड़ा बनने का हौसला देते रहे, उन सभी का भी हृदय की गहराइयों से आभार गांव के प्राइमरी स्कूल के शिक्षक जिन्होंने मुझे जीवन को नए अंदाज एवं “भीड़ से अलग हटकर जीने” का साहस दिया वह जहां भी हो उनका मेरे जीवन में अमिट योगदान रहेगा। गांव के पास के स्कूल से 12वीं करने के बाद लगभग 30 साल पहले ऑटोमोबाइल इंजीनियरिंग प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण करने के बाद कई अच्छी नौकरी के ऑफर आए, लेकिन आदरणीय मित्रों मन में तो कुछ और ही ठान रखा था, कुछ दिन देश के प्रतिष्ठित ऑटोमोबाइल कंपनी में नौकरी करने के बाद माता-पिता की इच्छा के विरुद्ध नौकरी छोड़ कर आज से लगभग ढाई दशक पहले 1998 में मेरठ शहर के दो कमरों के किराए के मकान में एक छोटे से शिक्षण संस्थान का पौधा रोपित किया, जो आज इस जीवनयात्रा के साक्षी/ सहयोगी सभी लोगों के सहयोग, बड़ों के आशीर्वाद एवं मार्गदर्शन से दो विश्वविद्यालय समेत एक मेडिकल कॉलेज 750 बेडड मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल समेत 2 दर्जन से अधिक उच्च शिक्षण संस्थानों समेत उत्तर भारत का ही नहीं, बल्कि देश का एक उत्कृष्ट श्रेणी की शिक्षा का वटवृक्ष बन गया है। इस यात्रा में मेरे शिक्षण संस्थानों के सभी शिक्षकों, सभी गैरशिक्षक कर्मचारियों/ अधिकारियों एवं मेरे छात्र छात्राओं जो कभी मेरे छात्र-छात्राएं नहीं, बल्कि मेरे अपने पुत्र और पुत्री हैं, मेरे अपने बच्चे हैं, उनका भी अतुलनीय योगदान रहा है। यहां मैं मेरे संस्थान में प्रवेश लेने वाले सबसे पहले प्रथम छात्र “बलराम शर्मा” का जिक्र जरूर करना चाहूंगा, जिसका नाम मुझे आज भी अच्छी तरह से याद है, और आपको यह जानकर हर्ष होगा कि इस जन्म दिवस पर एवं वेंकटेश्वर समूह के स्थापना दिवस पर मैं अपने प्रथम छात्र बलराम शर्मा के नाम से एक “छात्रवृत्ति योजना” भी शुरू करने जा रहा हूं। आदरणीय मित्रों लगभग ढाई दशक की इस कैरियर यात्रा में बहुत सारे मित्रों, शिक्षकों/ गुरुओं का साथ भी छूटा, पर मैं आज भी दिल की गहराइयों से उन सभी का आभार व्यक्त करता हूं, उनका भी मेरी जीवन यात्रा में भले ही कम समय के लिए साथ रहा हो, लेकिन अपने आप में एक विशिष्ट स्थान एवं योगदान रहा है। मित्रों सफलता की इस अनवरत यात्रा में जाने अनजाने में यदि मेरे कारण मेरे किसी सहयोगी, मेरे मित्र, मेरे शुभचिंतक, मेरे शिक्षक, मेरे कर्मचारी अथवा मेरे बच्चों का कहीं भी दिल दुखा हो, तो मैं अपने जन्मदिवस पर हृदय की गहराइयों से उसके लिए क्षमा प्रार्थी हूं। मैं बहुत ही भाग्यशाली हूं कि लोग मुझसे आकर कहते हैं, कि मेरा बेटा/ मेरी बेटी डॉक्टर बन गया है। मैं हंसकर उन लोगों को कहता हूं कि मेरे तो प्रत्येक वर्ष 150 बेटा/ बेटी डॉक्टर्स बनते हैं। मेरे कई हजार पुत्र/ पुत्रियां प्रतिवर्ष वेंकटेश्वरा विश्वविद्यालय से उच्च शिक्षा लेकर देश-विदेश में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा रहे हैं, तो सही मायने में मुझसे ज्यादा खुश नसीब इस दुनिया में कौन होगा। इस अवसर पर करने को तो आप लोगों से अनगिनत ढेर सारी बातें हैं, आज मन भी बहुत भावुक है, पर इस 50 बरस की सुखद जीवन यात्रा में एक बार फिर से अपने जीवन में आए हरएक व्यक्ति, जिसमें मेरे खाना बनाने वाले से लेकर मेरे गुरुजनों, शिक्षकों शुभचिंतकों सभी का हृदय की गहराइयों से आभार व्यक्त करता हूं, एवं आपको आश्वस्त करता हूं कि गरीब बेसहारा लोगों के लिए निशुल्क शिक्षा, एवं सस्ती एवं सुलभ चिकित्सा सेवाओं के लिए हमेशा आगे रहूंगा। अंत में अपनी धर्मपत्नी डॉक्टर अंजुल गिरी जो हर सुख दुख में साए की तरह मेरे साथ रही, एवं जिसके कारण मेरे जीवन में एक पवित्रआत्मा के रूप में पुत्र रिभव एवं विदुषी पुत्री आराध्या का आगमन हुआ, उसका भी कोटिश आभार। एक बार फिर से जीवन यात्रा के अभी तक के साक्षी रहे सभी अभीष्टजनों का हृदय की गहराइयों से आभार, एवं यदि मेरे कारण किसी को भी कष्ट या किसी की भी भावनाओं को जाने अनजाने में आघात पहुंचा हो, तो मैं एक बार हृदय की गहराइयों से क्षमा प्रार्थी हूं। आपके शुभाशीष एवं शुभकामनाओं का आकांक्षी आपका डॉक्टर सुधीर गिरी चेयरमैन वेंकटेश्वरा समूह।

Recent Posts

JEECUP 2025 Date Extended to May 10, 2025

The Joint Entrance Examination Council, Uttar Pradesh (JEECUP) has announced an extension of the application… Read More

21 hours ago

Ambedkar Jayanti Fortnight

Shri Venkateshwara University/Institute ceremoniously concluded the Ambedkar Jayanti Fortnight (14–29 April) that was running successfully… Read More

1 day ago

BCom Course Fees in UP

Below we provide the BCom course fees in UP at some of the colleges: Institution… Read More

2 days ago

B.P.Ed Admission 2025: Last date, fees, top colleges, and process

B.P.Ed Admission 2025 at Chaudhary Charan Singh University (CCSU), Meerut, the application process is expected… Read More

2 days ago

M.Ed Admission 2025: Date, Fees, Process, Document

The admission process for the M.Ed program in 2025 is expected to start in May… Read More

3 days ago

Youth Summit 2025

Shri Venkateshwara University/Institute hosted a grand Youth Summit 2025 on the topic of One Nation… Read More

3 days ago